इस्लामाबाद/श्रीनगर/नई दिल्ली: 26/11 के मुम्बई हमले की दो साल तक गहन और विस्तृत जांच के बाद पाकिस्तान सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि ज़िंदा पकड़ा गया एक मात्र आतंकी अजमल आमिर कसाब आतंकी नहीं, बल्कि कराची का एक गरीब मछुआरा है। ये सनसनीखेज़ खुलासा पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक ने कल इस्लामाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में किया। मलिक के मुताबिक महीनों की जांच के बाद ये साफ हो गया है कि कसाब का इस हमले से कोई लेना-देना ही नहीं है। वो बेचारा तो एक गरीब मछुआरा है जो कराची से निकलने के बाद रास्ता भटक गया और गुजरात के तटीय इलाकों से होता हुआ मुम्बई के गेटवे ऑफ इंडिया तक जा पहुंचा।
ये पूछने पर कि ऐसा इत्तेफाक कैसे हो सकता है कि कराची से भटक कर कोई इंसान सीधे मुम्बई के गेटवे ऑफ इंडिया तक पहुंच जाए, श्री मलिक ने कहा, क्यों..क्यों नहीं हो सकता? कश्ती पर हिंदुस्तान की खोज के लिए निकला कोलम्बस जब रास्ता भटक कर अमेरिका ढूंढ सकता है, तो कसाब कराची से भटक कर मुम्बई के गेटवे ऑफ इंडिया तक क्यों नहीं आ सकता? मेरा तो मानना है कि कसाब के कराची से मुम्बई पहुंचने से बड़ा इत्तेफाक ये है कि जिस दिन कसाब मुम्बई पहुंचा उसी रोज़ वहां हमला हो गया!
कसाब का पिछला हिसाब
मीडिया में छपी इस तरह के फ़ोटो को पाकिस्तान ने फ़र्ज़ी बताया है
इस बाबत और सबूत देते हुए उन्होंने कहा कि पकड़े जाने के पांच साल पहले से कसाब कराची में मछली पालन कर रहा था। 2002 में सिंध सरकार की तरफ से उसे ‘मत्स्य पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम’ के तहत दो सौ रुपये महीना स्कॉलरशिप भी दी गई। बाद में 2003 में ‘कराची स्टेट बैंक’ की तरफ से उसे मछली पकड़ने का कांटा और बीज खरीदने के लिए सवा तीन फीसदी की दर पर ऋण भी दिया गया। मलिक के मुताबिक इसी ऋण को चुकाने की जल्दबाज़ी में खराब मौसम के बावजूद 24 नवम्बर, 2008 को वो मछली पकड़ने समंदर में निकला और भारतीय पुलिस के जाल में फंस गया! रुंआसा होते हुए मलिक ने कहा खुदा के लिए हमारा कसाब हमें लौटा दो। उस बेचारे ने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा। अगर हिंदुस्तान को उसके बदले में किसी को रखना ही है तो वो वीना मलिक को रख ले।
दिग्विजय सिंह की सलाह
पाकिस्तान के इस ताज़ा खुलासे के बाद हिंदुस्तान में भी प्रतिक्रियाएं मिलने लगी हैं। जहां आम आदमी में पाकिस्तान के इस बयान को लेकर ज़बरदस्त गुस्सा हैं, वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने इसे पाकिस्तान की कोरी कल्पना बताते हुए उसकी जमकर निंदा की है। मगर इस मामले पर सबसे चौंकाने वाला बयान दिग्विजय सिंह का आया है। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय ने कहा, देखिए मुझे लगता है कि गेंद अब हिंदुस्तान के पाले में है। दोनों देशों के बीच सम्बन्ध सुधारने की ज़िम्मेदारी उस पर है। अब उसे ही कुछ करना होगा। मगर करना क्या होगा? इस पर दिग्विजय ने कहा, जिस तरह वक्त-वक्त पर पाकिस्तान हिंदुस्तानी मछुआरों को रिहा कर आपसी सौहार्द्र की मिसाल कायम करता है, उसी तरह भारत का भी फर्ज़ बनता है कि बिना वक्त गंवाए वो जल्द से जल्द पाकिस्तानी मछुआरे कसाब को रिहा कर दे।