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रविन्द्र जडेजा को मिली कम्पाउंडर की मानद उपाधि | कुछ भी यार

लंदन. इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टीम भले ही अब तक एक मैच भी न जीत पाई हो मगर उसके खिलाड़ियों के सम्मानित होने का सिलसिला लगातार जारी है। लेस्टर की डी मोन्टफ़ोर्ट युनिवर्सिटी द्वारा धोनी को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित करने के बाद अब ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ने भारत के युवा आलराउंडर रविन्द्र जडेजा को कम्पाउंडर की उपाधि से नवाज़ा है।

कॉलेज के चीफ एग्जीक्यूटिव पीटर कार्टर ने रोज बाउल मैदान में जडेजा को ये सम्मान दिया। फैसले की जानकारी देते हुए पीटर कार्टर ने कहा, इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हाल ही में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया मगर हाल-फिलहाल जिस तरह टीम इंडिया चोटों से संघर्ष कर रही है उसे देखते हुए हमें लगा कि भारतीय टीम को डॉक्टर से ज़्यादा एक कम्पाउंडर की ज़रूरत है।

भारत के युवा आलराउंडर रविन्द्र जडेजा को अब सम्मान से ‘कम्पाउंडर जडेजा’ कहा जाएगा

पीटर ने आगे कहा कि इसलिए आरसीएन (रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग) ने खुद आगे आकर भारतीय मैनेजमेंट के सामने ये प्रस्ताव रखा था कि अगर वो चाहें तो हम किसी भारतीय खिलाड़ी को कम्पाउंडरी का एक हफ्ते का क्रेश कोर्स करवा सकते हैं।

इसके पीछे मंशा यही थी कि ऐसा खिलाड़ी जो टीम में तो है मगर उसे किसी मैच में खिलाया नहीं जा रहा और न ही आगे खिलाए जाने की सम्भावना है तो खाली बैठने से अच्छा है, क्यों न वो कम्पाउंडरी सीख ले और टीम के घायल खिलाड़ियों का ख्याल रखे।

वहीं इस बारे में कुछ भी यार न्यूज़ ने जब जडेजा से उनकी प्रतिक्रिया जानीं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि नई भूमिका को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं। वैसे भी आलराउंडर होने के नाते मुझे एक से ज़्यादा काम करने की आदत है। आईपीएल में कोच्चि टीम से जुड़े होने के दौरान खाली समय में मैंने केरल की मशहूर मसाज भी सीखी थी।

अब अपने मुंह से क्या कहूं सच तो ये है कि कान से मैल निकालने से लेकर तेल मालिश करने तक मैं सब जानता हूं। हक़ीकत तो ये है कि हर बार तेल मालिश कर ही मैं टीम में चुन लिया जाता हूं। इसलिए अगर टीम में चुने जाने के बाद भी मुझे वही काम करना है जो मैं टीम में चुने जाने के लिए करता हूं तो इसमें मुझे कोई हर्ज़ नहीं।

वहीं धोनी के करीबी होने के बावजूद सुरेश रैना को ये सम्मान न मिलने पर हमने फोन पर जब रैना की राय जानना चाही तो उन्होंने बस इतना कहा, मैं सीनियर खिलाड़ी हूं। टीम में मैं भाई की भूमिका तो निभा सकता हूं मगर दाई की नहीं!

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