मोतीहारी. पिछले साल आषाढ़ का महीना था, बारिश लगातार हो रही थी और मौसम सुहाना हो चला था लेकिन इतना अच्छा मौसम भी मनोज यादव के किसी काम का नहीं था क्योंकि कुछ दिन पहले ही उसका दामिनी से ब्रेअकप हो गया था। दामिनी ने एक छोटा सा मैसेज भेजकर दो साल पुराने रिश्ते पर ब्रेक लगा दी थी। यानि मनोज अब ‘सिंगल’ था, तन्हा टाइप!
दिलजले आशिक़ मनोज यादव
उस दिन से लेकर आज तक मनोज ने उससे संपर्क साधने की बहुत कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मनोज का दिल टूट गया था, उसने अपने नाम के आगे ‘दिलजले’ लगाना शुरू कर दिया था।
आज एक साल बाद जब चंद्रयान-2 से ISRO का संपर्क टूटा तो मनोज के घाव फिर से हरे हो गये। इस बीच चौंकाने वाली बात ये रही कि इसरो वाले लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क स्थापित करने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं और उन्हें इस काम में सफलता भी हाथ लग रही है।
यही वजह है कि अब मनोज को भी अपना खोया हुआ प्यार वापस पाने की इच्छा जाग उठी है, उसने ISRO प्रमुख के. सीवान को चिट्ठी लिखकर रिक्वेस्ट किया है कि लैंडर से संपर्क करवा रहे हैं तो लगे हाथ मेरा भी संपर्क दामिनी से करवा दीजिए!
फ़ेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए उसने बताया कि, “हमारा कारोबार दो साल धड़ल्ले से चला लेकिन पता नहीं अचानक क्या हुआ, उसने मुझसे बात करना बंद कर दिया! ना फोन करती है और ना ही मेरे फोन का जवाब देती है! मैंने तो आशा ही छोड़ दी थी!
ये इसरो वाले संपर्क साधने में बड़े उस्ताद हैं, लगता है ये लोग मेरा काम भी कर देंगे! इसलिए मैंने चिट्ठी लिख दी! इतनी मदद नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा?” -मनोज ने काला चश्मा लगाते हुए कहा।
हालाँकि, इसरो चीफ ने मनोज के लेटर का अभी कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन माना जा रहा है कि ‘विक्रम’ का संपर्क स्थापित करने के बाद वो मनोज का केस ही हैंडल करेंगे।