दिल्ली. ट्रैफिक के कारण ऑफिस और बाकी ज़रूरी कामों के लिए देरी से पहुंचने वालों के लिए अच्छी ख़बर है। दिल्ली पुलिस जल्द ही ऐसे लोगों के लिए एयर लिफ्टिंग की सुविधा शुरू करने वाली है।
इसके तहत कोई भी आदमी अगर राखी सावंत की ज़बान से लम्बे ट्रैफिक में फंसता है और उसे लगता है कि वो किसी मीटिंग के लिए देर हो रहा है या उसकी ट्रेन छूट रही है तो वो दिल्ली पुलिस के हेल्पलाइन नम्बर 420 पर कॉल कर एयर लिफ्टिंग की सुविधा मांग सकता है।
ट्रैफिक में फंसे लोगों को कुछ इस तरह उनके ऑफिस की छत पर उतारा जाएगा
फैसले की जानकारी देते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जॉइंट कमिश्नर सत्येन्द्र गर्ग ने बताया कि अगर कोई आदमी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन से नेहरू प्लेस की तरफ जा रहा है और आश्रम पहुंचकर वो ट्रैफिक में फंस जाता है तो ऐसे में एयर लिफ्टिंग की सुविधा मांगने पर दिल्ली पुलिस का हैलीकॉप्टर बताई गई जगह पर जाएगा…हैलीकॉप्टर से नीचे रस्सी लटकाई जाएगी…गाड़ी की छत पर आकर सम्बन्धित व्यक्ति रस्सी को अपनी कमर में बांधेगा…उसके बाद हैलीकॉप्टर धीरे-धीरे उड़ान भरेगा और कुछ ही देर में रस्सी से बंधे शख्स को उसके ऑफिस की छत या नज़दीकी रिक्शा स्टेंड पर उतार दिया जाएगा।
बकौल श्री गर्ग, ‘चूंकि इस पूरे ‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ को हैलीकॉप्टर के ज़रिए अंजाम दिया जाएगा इसलिए चाहकर भी हम इस सुविधा को मुफ्त नहीं रख सकते…सुविधा का लाभ उठाने वाले व्यक्ति को हैलीकॉप्टर में लगे मीटर के हिसाब से पैसा देना होगा।
हैडक्वॉर्टर से घटनास्थल के लिए रवाना होते ही हैलीकॉप्टर का मीटर चालू हो जाएगा और जैसे ही सवारी के नीचे उतरने का वक्त आएगा…हैलीकॉप्टर का को-पायलट बिल की रसीद लेकर रस्सी के सहारे नीचे आएगा और पैसे लेकर सवारी को उतार देगा। और उसने अगर बिल देने में आनाकानी की या ये कहा कि ‘भइया यहां के तो इतने नहीं बनते’…या ‘तुम घुमाकर लाए हो’ तो पायलट उसे वहां उतारने के बजाए…यमुना नदी के ऊपर ले जाकर रस्सी काट देगा। ऐसे में वो डूबकर भले ही न मरे मगर बदबू से उसके प्राण ज़रूर चले जाएंगे।
श्री गर्ग ने आगे बताया कि शुरुआती तौर पर पूरे एनसीआर को सुविधा का लाभ देने के लिए हम पांच सौ सेकिंड हैंड हैलीकॉप्टर खरीदने जा रहे हैं…इस दौरान हमने कई कम्पनियों के हैलीकॉप्टर देखे मगर आख़िर में जिस पर हमने अपनी सहमति दी, उससे हर कोई बेहद खुश होगा।
कुछ भी यार -अच्छा! मगर कौन-सा?
श्री गर्ग ने मुस्कुराते हुए कहा-पवन हंस!
और आख़िर में जब ये पूछा गया कि देश में तो पहले ही ट्रेन्ड पायलट्स की इतनी कमी है, ऐसे में इन पांच सौ हैलीकॉप्टर्स को चलाने के लिए आप रातों-रात इतने पायलट कहां से लाएंगे, तो श्री गर्ग ने उसी मुस्कुराहट को कायम रखते हुए कहा…उस बारे में हम बेफिक्र हैं।
कुछ भी यार -मगर वो क्यों?
श्री गर्ग-इन हैलीकॉप्टर्स को उड़ाने के लिए हमने ब्लूलाइन बसों के ड्राइवर्स को हायर कर लिया है..एक तो ब्लूलाइन बसें बंद होने के बाद से वो खाली हैं और दूसरा उन्हें किसी ट्रेनिंग की भी ज़रूरत नहीं। वैसे भी वो सालों से ब्लूलाइन बस को हवाईजहाज समझकर उड़ाते रहे हैं, ये तो फिर भी हैलीकॉप्टर है!